किसी भी मुजरिम को फांसी सूर्योदय से पहले ही क्यों दी जाती है? या फाँसी का समय सुबह ही क्यों तय किया जाता है?
Unknown
May 19, 2018
या फाँसी का समय सुबह ही क्यों तय किया जाता है?
दोस्तों आज हम आपको टेस्ट के लिये कुछ सवाल और जवाब बताएंगे। टेस्ट सीरीज का यह
सवाल
ऐसी कौनसी जगह है। जहाँ अगर 100 लोग
जाते है, तो 99 ही वापिस आते है?
शमशान घाट, यहां 100 लोग जाते है तो
99 ही वापिस आते है।
सवाल
उस चीज का नाम बताए, जिसे आग जला नहीं सकती,
शस्त्र उसे काट नहीं सकते पानी उसे भिगो नहीं सकता
और मौत उसे मार नहीं सकती
परछाई,
जिसे आग जला नहीं सकती, शस्त्र उसे काट नहीं सकते
पानी उसे भिगो नहीं सकता
सवाल
वो कौन सा काम है। जो । आदमी अपनी पूरी ज़िंदगी में । बार करता है,
पर वही काम औरत रोज़ करती है?
बताओ क्या
मांग में सिंदूर भरना, ।
आदमी सिर्फ शादी के दौरान
ये काम एक बार करता है। और
औरत उसे रोज करती है।
सवाल
वह कौन है। जो गूंगा बहरा और
अंधा है, लेकिन बोलता हमेशा सच है
दर्पण, आईना
जो गूंगा बहरा और अंधा है,
लेकिन बोलता हमेशा सच है।
सवाल
किसी भी मुजरिम को फांसी सूर्योदय से पहले ही क्यों दी जाती है? या फाँसी का समय सुबह ही
क्यों तय किया जाता है?
अगर फांसी दिन के किसी और समय पर दी जाएगी, तो दिनभर ।
सजा पाने वाला कैदी बेचैन रहेगा। इसलिए भी फांसी सूर्योदय से पहले दी जाती है।
सुबह के वक्त हर इंसान का
दिमाग दिन की अपेक्षा में ज्यादा शांत होता है। इसके अलावा सुबह 4 से 6 के बीच में मनुष्य का शरीर
सुस्त होता है, इससे ज्यादा तकलीफ नहीं होती।
इसके अलावा जेल के सभी
कार्य सूर्योदय के बाद ही शुरू होते हैं इसलिए फांसी की सजा पहले दे दी जाती है,
ताकि बाद में होने वाले काम पर कोई असर न पड़े।